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Multidimensional Poverty Index

विभिन्न प्रकार के क्षेत्रों में समतुल्य ईकाइयों की स्थिति जानने के लिए हम सूचकांक का प्रयोग करते हैं जो हमें उस विशेष क्षेत्र में उन ईकाइयों की स्थिति को दर्शाता है। भारत गरीब राज्यों की अपनी स्थिति को दर्शाने के लिए एक सूचकांक का उपयोग करता है जिसे Multidimensional  poverty index (बहुआयामी गरीबी सूचकांक - PMI ) के नाम से जाना जाता है पीएमआई नीति आयोग द्वारा जारी किया जाता है।  नीति आयोग क्या है ? निति आयोग भारत सरकार का एक प्रमुख प्रशासनिक ईकाई है जो सरकार के थिंकटैंक के रूप में कार्य करता है इसका गठन 1 जनवरी 2015 को हुआ था।  इसे योजना आयोग के स्थान पर बनाया गया था जो भारत सरकार के विभिन्न योजनाओं की रुपरेखा तैयार करती थी। निति (NITI) आयोग का पूरा नाम ( National institute for transformomg India ) है।  नीति आयोग एक गैर संवैधानिक निकाय है जिसे कभी भी बंद किया जा सकता है  अगस्त 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा योजना आयोग को भंग कर नीति आयोग के गठन की बात की गई थी योजना आयोग के बंद होने के साथ ही पंचवर्षीय योजनाओं का दौर समाप्त हो गया।  नीति आयोग...

ग्रहण क्या है ?

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       जब किन्ही दो खगोलीय पिंडों के मध्य कोई तीसरा पिंड अपनी निश्चित अवस्था छोड़ कर आ जाता है तब इसे ग्रहण कहा जाता है।  ग्रहण की घटना मुख्य रूप से सूर्य चंद्रमा एवं पृथ्वी के मध्य देखने को मिलती है।  सूर्य सौरमंडल के केंद्र में स्थित है जिसका चक्कर सभी आकाशीय पिंड (सौरमंडलीय) लगाते हैं।        सभी का एक निश्चित परिक्रमण काल होता है तथा एक निश्चित कक्षा होती है जिसमें सभी ग्रह उपग्रह चक्कर काटते रहते हैं , किंतु जब किसी विशेष परिस्थिति में कोई  खगोलीय पिंड किन्ही दो पिंडों के मध्य आ जाता है तब ऐसी स्थिति में ग्रहण की घटना उत्पन्न होती है।       इस स्थिति में दो पिंडों के मध्य तीसरी पिंड के आने से एक प्रकार की छाया उत्पन्न होती है जो ग्रहण कहलाती है । ग्रहण एक प्रकार की खगोलीय घटना है यह पूर्ण या आंशिक रूप से हो सकता है।  ग्रहण की घटना मुख्य रूप से तभी होती है जब सूर्य चंद्रमा एवं पृथ्वी एक सीध में आ जाते हैं ।        ऐसा वर्ष में दो बार होता है एक कैलेंडर वर्ष में चार से सात ग्...

भारत का भौतिक स्वरूप ( हिमालय पर्वत श्रृंखला )

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     भारत एक विशाल देश है यह एशिया महाद्वीप के दक्षिणी भाग में स्थित है इसे एक उपमहाद्वीप की संज्ञा भी दी गई है।भारत विभिन्न भौतिक स्वरूप में विभाजित है ।   जैसे - पहाड़ , पठार , मैदान , पाठ प्रदेश आदि क्षेत्रों में।  विशाल होने के साथ - साथ ही इस का भौतिक स्वरूप भी भिन्न-भिन्न है। विभिन्न स्थलाकृति यहां देखने को मिलते हैं।उत्तर के पर्वती क्षेत्र से लेकर दक्षिण चलते - चलते मैदानी फिर थोड़े बहुत पर्वती क्षेत्र देखने को मिलते हैं।         भारत की भूमि बहुत अधिक भारतीय विभिन्नताओं को दर्शाती है वह भूगर्भीय तौर पर प्रायद्वीपीय पठार का हिस्सा है जो पृथ्वी की सतह का प्राचीनतम भाग है।  यह भूमि बहुत ही स्थिर भाग के रूप में माना जाता है। परंतु हाल के भूकम्पों ने इसे गलत साबित किया है। भारत को निम्नलिखित भौगोलिक स्थल आकृतियों में विभाजित किया जा सकता है -   हिमालय पर्वत श्रृंखला  उत्तर का मैदान  प्रायद्वीपीय पठार  भारतीय मरुस्थल  तटीय मैदान  द्वीप समूह   हिमालय पर्वत श्रृंखला  भारत के उत्...

भारत के प्रमुख भूगर्भिक शैलक्रम (चट्टानें)

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     भारत एक उपमहाद्वीप है। विश्व में पायी जाने वाली लगभग सभी प्रमुख चट्टानें यहाँ पायी जाती है। किसी क्षेत्र में  स्थित चट्टानें तथा उनमें पायी जाने वाली विविधता उस क्षेत्र के विविध खनिज सम्पदा का परिचायक होती है। भारत में निम्नलिखित चट्टानें पायी जाती है।       भूपर्पटी पर ठोस पिण्ड के रूप में दिखाई देने वाले किसी भी प्राकृतिक निक्षेप को  चट्टान   कहा जाता है। इनका निर्माण दो प्रकार से होता है पृथ्वी की आंतरिक शक्तियों के कारण (ज्वालामुखी के फटने से ,लावा के ठन्डे होने से ) , तथा; आदि चट्टानों के रूपांतरण या विखंडन से पुनः जम जाने के कारण। आर्कियन क्रम की चट्टानें पृथ्वी के ठंडा होने पर सर्वप्रथम इन चट्टानों का निर्माण हुआ। ये चट्टानें अन्य प्रकार की चट्टानों हेतु आधार का काम करती है। नीस, ग्रेनाइट, शिस्ट, मार्बल, क्वार्टज़, डोलोमाइट, फिलाइट आदि इस  चट्टान के विभिन्न प्रकार हैं। यह भारत में पाया जाने वाला सबसे प्राचीन चट्टान समूह है, जो प्रायद्वीप के दो-तिहाई भाग में विस्तृत है।जब से पृथ्वी पर मानव का अस्तित्व है, तब से आर्कियन क...

भारत की भौगोलिक स्थिति एवं विस्तार

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       भारत एशिया महाद्वीप के दक्षिण में स्थित एक देश है इसकी विशालता के कारण इसे उपमहाद्वीप की संज्ञा भी दी जाती है भारतीय उपमहाद्वीप में सम्मिलित देशों में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल एवं भूटान शामिल है।भारत अक्षांशी  रूप से उत्तरी गोलार्ध एवं देशांतर रूप से पूर्वी गोलार्ध का हिस्सा है।   भारत की स्थिति  भारत की स्थिति 6डिग्री 4 मिनट उत्तरी अक्षांश से 37 डिग्री 6 मिनट उत्तरी अक्षांश तक एवं 68 डिग्री 7 मिनट की देशांतर से 97 डिग्री 25 मिनट पूर्वी देशांतर के मध्य है।संपूर्ण भारत का लगभग विस्तार 30 डिग्री का है।   भारत का क्षेत्रफल 3287263 वर्ग किलोमीटर का है क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश है भारत का क्षेत्रफल संपूर्ण विश्व का 2.42% है जबकि यहां संपूर्ण विश्व की 17.5% जनसंख्या निवास करती है।   भारत का विस्तार उत्तर से दक्षिण में 3214 किलोमीटर एवं पूर्व से पश्चिम में 2933 किलोमीटर है भारत की स्थल सीमा की लंबाई 15200 किलोमीटर है इसके तटीय भाग की लंबाई 7516.6 किलोमीटर है परंतु मुख्य भूमि के तटीय भाग...

वैदिक कालीन भारत

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          प्रागैतिहासिक काल एवं आद्यैतिहासिक काल के बाद ऐतिहासिक कालीन भारत का अध्ययन किया जाता है सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के पश्चात भारतीय उपमहाद्वीप पर वैदिक सभ्यता का विकास हुआ वैदिक सभ्यता के काल का निर्धारण 1500 से 600 ई.पू. के मध्य किया गया है जिसे दो भागों में विभाजित किया जाता है   पूर्व वैदिक काल या ऋगवैदिक काल (1500-1000 ई. पू.) एवं  उत्तर वैदिक काल ( 600  ई. पू. - वर्तमान ) तक         भारत के 4 महान वेदों की रचना इसी काल में हुई अतः इस काल का नाम वैदिक काल रखा गया। वैदिक शब्द की रचना संस्कृत के विद् धातु से हुई है जिसका अर्थ है जानना   वैदिक काल के संबंध में प्रमुख तथ्य वैदिक कालीन सभ्यता आर्य सभ्यता है जिसका विकास लगभग संपूर्ण उत्तर भारत क्षेत्र में देखने को मिलता है। इस सभ्यता की मुख्य भाषा वैदिक संस्कृत थी।ग्रामीण जीवन शैली के लोग यहां निवास करते थे।  आर्यों का निवास स्थान मुख्यता सिंधु नदी तथा उसके 5 सहायक नदियां एवं सरस्वती नदी के आसपास के क्षेत्रों में था ऋग्वेद में उनके निवास स्थान के ...