वैदिक कालीन भारत
प्रागैतिहासिक काल एवं आद्यैतिहासिक काल के बाद ऐतिहासिक कालीन भारत का अध्ययन किया जाता है सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के पश्चात भारतीय उपमहाद्वीप पर वैदिक सभ्यता का विकास हुआ वैदिक सभ्यता के काल का निर्धारण 1500 से 600 ई.पू. के मध्य किया गया है जिसे दो भागों में विभाजित किया जाता है पूर्व वैदिक काल या ऋगवैदिक काल (1500-1000 ई. पू.) एवं उत्तर वैदिक काल ( 600 ई. पू. - वर्तमान ) तक भारत के 4 महान वेदों की रचना इसी काल में हुई अतः इस काल का नाम वैदिक काल रखा गया। वैदिक शब्द की रचना संस्कृत के विद् धातु से हुई है जिसका अर्थ है जानना वैदिक काल के संबंध में प्रमुख तथ्य वैदिक कालीन सभ्यता आर्य सभ्यता है जिसका विकास लगभग संपूर्ण उत्तर भारत क्षेत्र में देखने को मिलता है। इस सभ्यता की मुख्य भाषा वैदिक संस्कृत थी।ग्रामीण जीवन शैली के लोग यहां निवास करते थे। आर्यों का निवास स्थान मुख्यता सिंधु नदी तथा उसके 5 सहायक नदियां एवं सरस्वती नदी के आसपास के क्षेत्रों में था ऋग्वेद में उनके निवास स्थान के ...